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ये फूलों की बातें , हैं फूलों से बातें । काव्य

ये फूलों की बातें
हैं फूलों से बातें
गहन रात्रियों की सितारों से बातें
चाँद से झरती चाँदनी की बातें
महकती हुयी खुशबुओं की बातें
जगमगाते हुये जुगनओं की बातें बिन बातों में भरती हुई बातें

ये जुगनू के कानों में फूलों की बातें
तितली की बातें ये भंवरों की बातें
रस से झरते जज्बातों की बातें
ये मेघों की बातें ये मोरों की बातें
ये चातक पपीहा ये स्वाती की बातें
आसमां से झरते मोतियों की बातें
ये फूलों के कानों में भवरों की बातें
ये मोरों के कानों में बूंदों की बातें
ये सूरज की रश्मि की कमलों से बातें
मधुर चंद्रिका की कमलिनी से बातें
ये लहरों के कानों में सागर की बातें
ये सागर के कानों में नदियों की बातें
ये मद्धम पवन की रागिनी से बातें
रागिनी के कानों में सुरों की ये बातें
पायल में बजते नूपुरों की बातें
थिरकते कदमों से पायल की बातें
धडकते दिलों से धडकन की बातें
ये श्वासों की माला से जीवन की बातें
ये प्यारी की प्यारे से प्यारी सी बातें
ये प्यारे की प्यारी से प्यारी सी बातें
हैं फूलों से फूलों की फूलों सी बातें
हैं रस की रातें ये हैं रस की बातें ॥

ये हैं रस की बातें
ये हैं रस सी बातें
हैं फागुन के कानों में
रंगों की बातें
ये सावन के संग हैं बादल की बातें
प्यारे के अधरों से वंशी की बातें
हैं वंशी की हृदय स्पंदन से बातें
ये वेणी से झरती कलियों की बातें
चमकते हुये श्रम बिंदुओं की बातें
लज्जा से झुकते नयनों की बातें
मुस्कुराते हुये अधरों की बातें
सखियों से छिपते हुये से युगल की
रसभीनी रस से भरी रस की बातें
हैं प्रियतम की बातें हैं प्यारी की बातें
महकते हुये जुगनुओं की हैं बातें
चमकते हुये फूलों की हैं बातें
हैं प्यारी के मन में प्यारे की बातें
हैं प्यारे अधर पे प्यारी की बातें
रस में डूबे हुये रस की बातें
ये हैं रस की बातें
ये हैं रस सी बातें  ॥

ये पुष्पों से झरते मकरंद की बातें
ये भौरों की गुनगुन से कलियों की बातें
ये महकती सुंगधों से सांसों की बातें
भीगे चमन से तितलियों की बातें
पत्ती की नरमी से ओस की बातें
पलकों पे बिखरे मोतियों सी बातें
भोर के सितारे से ऊषा की बातें
झरनों की कलकल सी बहती ये बातें
आम्र के बौरों से कोयल की बातें
लिपटी लताओं की तरुवर से बातें
काली घटाओं की हैं नभ से बातें
धरा के हृदय में है अंकुर से बातें
हैं प्रेमी हृदय की ये प्रियतम से बातें
हैं प्यारी की बातें ये प्यारी सी बातें
ये हैं रस की बाते ये हैं रस सी बातें ॥

हैं रागिनी सी मीठी ये बातें
हैं लहरों सी चंचल ये बातें
हैं चंद्रिका सी उज्जवल ये बातें
अग्निशिखा सी पावन ये बातें
हृदय की धरा सी गहरीं ये बातें
हैं भागीरथी सी निर्मल ये बातें
ये प्रियतम की बातें
ये प्यारी की बातें
ये फूलों की बातें ये हैं रस की बातें ॥

ये शीत की नरम धूप सी बातें
हैं प्यासे नयन की रूप से बातें
रसीले हृदय की हैं भावों से बातें
हैं सीपी की अपने मोती से बातें
हैं मीन की बातें ये सलिला की बातें
हैं माधुर्य की माधुरी से ये बातें
हैं रस की भावना से ये बातें
ये निश्छलता की अबोधता से बातें
हैं कोमलता की मादकता से बातें
हैं तृषा की तृषित से ये बातें
हैं मुग्धा की मोहन से बातें
हैं राग की रागिनी से ये बातें
हैं प्रिया से प्रियतम की जो बातें
ये हैं रस से रस की रसीली सी बातें ॥

ना बातों सी बातें
ना बातों की बातें
ना बातों में बातें
ना बातें ही बातें
ये हैं भाव निर्झर हैं
ये हैं रस की झारी
भीगे हैं प्रीतम
भीगी हैं प्यारी
भीगी हैं निरखत
सखियाँ भी सारी ॥

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