*प्यारे के नयन* कब तक है यह मन भटकता हुआ , जब तक इसे स्थिर रस ना मिले । यह वास्तविक सौंदर्य से ना टकरा जावें , दृष्टि बन भागता यह मन बहुत भागे तो टकरा जाता .. हर लिया जाता यह श्रीप्या...
ये फूलों की बातें हैं फूलों से बातें गहन रात्रियों की सितारों से बातें चाँद से झरती चाँदनी की बातें महकती हुयी खुशबुओं की बातें जगमगाते हुये जुगनओं की बातें बिन बातों मे...